सामाजिक स्वास्थ्य

अगर आप स्वस्थ्य और उत्साहित हैं तो कोविड-19 के समय में सक्रिय रहने के कई तरीके हैं। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:

  1. सकारात्मक बदलाव में शामिल हो जाएं

ऐसे समय में जब कोविड-19 की समस्या काफी गंभीर दिख रही है, आप असहाय महसूस करने की बजाय अपनी ओर से जो सकारात्मक कर सकते हैं, उस पर ध्यान दें। इससे आपको अपना योगदान करने का मौका मिलेगा। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए जो उपाय बताए गए हैं, उनका उपयोग करें और स्वच्छता को अपने व्यवहार में शामिल कर लें। अगर आपको कोई लक्षण हैं तो उसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दें। अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आए हैं और आपको कोई लक्षण दिख रहे हैं तो दूसरों से दूरी बना कर रखना और आइसोलेट रहना ना भूलें।

 

2. स्वयंसेवा करें

कोविड-19 की महामारी के दौर में ऐसे दूसरे लोगों की मदद करने के लिए आगे आएं, जो आपसे अधिक परेशानी में हैं। इससे आपको एक उद्देश्य मिलेगा। इस समय आप कई चीजें कर सकते हैं, जैसे राहत कोष में ऑनलाइन दान कर सकते हैं, स्वास्थ्य कार्यकर्ता के तौर पर सहायता दे सकते हैं, रक्तदान कर सकते हैं। अस्पतालों में इस समय रक्त की भारी कमी है, क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से इस समय बहुत से रक्तदान शिविर रद्द कर दिए गए हैं। आप आगे बढ़ें, ऐसे किसी शिविर के लिए पहले से अपनी सहमति दे दें, वहां पूछे जाने वाले सवालों का सही जवाब दें।

 

3. परिजनों और मित्रों से ऑनलाइन जुड़े रहें

जब आमने-सामने की मुलाकातें बहुत सीमित हो गई हैं, ऐसे में आप फोन कॉल, टेक्स्ट मैसेज, वीडियो चैट और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने सामाजिक दायरे को जिंदा कर लें। अगर आप दुखी या चिंतित महसूस कर रहे हों तो परिजनों और मित्रों से इस दौरान अपनी स्थिति और भावनाओं की चर्चा करें। उन लोगों तक पहुंचें जो आपके जैसी स्थिति में हैं। इसके लिए फेसबुक ग्रुप जैसे कई साधनों का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि यह भी ध्यान रहे कि सोशल मीडिया के उपयोग के अपने खतरे भी हैं। सोशल मीडिया का उपयोग जिम्मेदारी के साथ करें

अपने दादा-दादी, नाना-नानी आदि बुजुर्गों का हाल-चाल जानते रहें। जो लोग अकेले रहते हैं या इस दौरान अकेले हो गए हैं, उनसे संपर्क बनाए रखें। ऐसे लोगों की जरूरत के अनुसार घर के सामान या दवा आदि लाने में मदद भी करें।

 

  1. देख-भाल: बच्चों से कोविड-19 के प्रभाव पर बात-चीत

बच्चों को कोविड-19 के बारे में सटीक और उनकी उम्र के अनुरूप जानकारी दें। उदाहरण के तौर पर, यह क्या है, कैसे फैलता है, इसके संक्रमण से बचने के लिए क्या करें और अगर संक्रमण हो जाए तो क्या करें। लेकिन गैर जरूरी रूप से डराने वाली सूचना नहीं दें। ऐसी भाषा का उपयोग भी नहीं करें जिससे दूसरों को दोषी ठहराया जाता हो या किसी के साथ कलंक जुड़ता हो। ऐसी कोई धारणा नहीं बने कि किसी खास तरह के लोगों को ही कोविड-19 हो सकता है। बच्चे टीवी, रेडियो और ऑनलाइन माध्यमों पर क्या देख- सुन रहे हैं इसका ध्यान रखें। कोविड-19 पर केंद्रित जानकारी पर वह बहुत अधिक टाइम नहीं दे रहा हो, इसका ध्यान रखें। ऐसे किसी विषय पर जरूरत से ज्यादा ध्यान देने से वह चिंता में पड़ सकता है।

 

  1. दूसरों के प्रति सहानुभूति और उदाहरता रखें

अगर आप सबके प्रति सहानुभूति और उदारता का भाव रखेंगे तो यह आपके और दूसरों के लिए भी मददगार होगा। अगर आप किसी के प्रति दया का भाव रखते हैं तो इससे सिर्फ वही आनंदित नहीं होता, आपको भी खुशी मिलती है। शोध बताते हैं कि दूसरों के प्रति उदारता से सकारात्मक भाव बढ़ते हैं नकारात्मक भाव घटते हैं। सहृदयता के कुछ आसान उपाय यह हो सकते हैं कि आप अपने दोस्त को एक पत्र लिख दें, पास के किसी नर्सिंग होम या अस्पताल को उनके मरीजों के रूम के लिए आर्टवर्क भेज दें, किसी पड़ोसी के लिए डिनर तैयार कर उसके घर छोड़ आएं और जरूरतमंद लोगों के लिए कुछ दान करें। अगर आप हर रोज कुछ मिनट निकाल कर आपके साथ हुई अच्छी चीजों की लिस्ट बनाएं तो इससे आप सकारात्मक चीजों पर ध्यान केंद्रित रखने में सफल होंगे।

 

  1. सोशल मीडिया पर सकारात्मक माहौल बनाने में मददगार बनें

सोशल मीडिया पर विश्वसनीय स्रोतों की सामग्री, वेबसाइट एड्रेस और न्यूज ही शेयर करें और किसी संदिग्ध सामग्री को साझा नहीं करें। अगर कोई मित्र ऐसा कुछ शेयर करता है जो आपको लगता है कि संदिग्ध है तो उसे उसके स्रोत के बारे में पूछें। यह ऐसा समय है जब आपको दुनिया भर में हो रही अच्छी चीजों के बारे में भी जानकारी लोगों से साझा करनी चाहिए।

 

  1. स्क्रीन पर बिताने वाले समय को घटाएं

आप टीवी और दूसरे ऐसे माध्यमों को देखते हुए जो समय बिताते हैं, उसे घटाएं। थोड़ा टहल लें, किसी से बात कर लें या कोई किताब पढ़ लें। शोध बताते हैं कि अगर आप टीवी या दूसरी स्क्रीन को देखते हुए ज्यादा समय बिताते हैं तो इससे मोटापा बढ़ सकता है। साथ ही अगर आप ज्यादा देर तक टीवी देखते हैं तो आपकी चिंता और डर को बढ़ाने वाले समाचार व कार्यक्रम आपको ज्यादा परेशान करेंगे।

 

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